Pyar Bhari Kahani- प्यार भरी कहानी लिखी हुई

अगर आप Pyar Bhari Kahani की तलाश कर रहे हैं आप सही जगह पर आए हैं आपका स्वागत है Storyinhindis.in में


नमस्कार दोस्तों हम आशा करते हैं की आप सब ठीक होंगे | आज हम आपके लिए प्यार भरी कहानी लिखी हुई ले कर आया हूं आप इसे पढ़कर रोमांटिक हो जाएंगे उम्मीद है आपको हमारी प्यार की  पसंद आयेगा |
हमारा द्वारा दिए गए स्टोरी पसंद आया हो दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें.


Pyar Bhari Kahani

प्यार भरी कहानी- Pyar Bhari Kahani

दोस्तो! यह एक प्यार भरी मेरे जीवन की एक सच्ची दास्ताँ है, जिसने मुझे एक ऐसा शक्स दिया, जिसके लिये मैं कुछ भी करने को तैयार था. जो मेरे दिल की गहराईयों तक गयी, जिसके लिये मैं किसी और की तरफ भी नहीं देखता था!

सुबह का अखबार पढ़ते हुए अचानक मेरी निगाह अपनी नई पड़ोसन से जा टकराई। मैंने सुना तो था कि मेरे बगल वाले फ्लैट में कोई महिला अधिकारी शिफ्ट होने वाली है , पर यह हमारा पहला आमना - सामना था। फिर उस लड़की से हेलो - हाय से शुरू हुआ हम दोनों की परिचय हुआ और होने के बाद कब हमारा रिश्ता गहरा हो गया , पता ही नहीं चला। 

मेरी पड़ोसन मैडम , जिले में ही एक उच्च पद पर पदस्थ थीं और उनके पति किसी अन्य जिले में तैनात थे। उनके पति का आना - जाना कभी - कभार ही हो पाता था। पड़ोसी होने के कारण वह मुझसे काफी घुल - मिल गईं। एक दिन उन्होंने टोक ही दिया कि तुम मुझसे हमेशा मैडम कहकर बात मत किया करो। मैंने कहा , " मैडम मैं अभी एक विद्यार्थी हूं और आप इस जिले में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी , है आखिर हमारा क्या रिश्ता हो सकता है ?" वह कुछ देर तक शान्त रहीं और फिर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए बोलीं कि अगर तुम बुरा न मानो तो मुझे भाभी कहकर बुला सकते हो।


मैंने कहा, " आपकी बात सही है मैडम , पर मात्र भाभी कह देने भर से तो रिश्ता नहीं जुड़ जाएगा। वैसे भी यह बड़ा नाजुक व प्यार भरा रिश्ता है , इस रिश्ते को निभा पाएंगी आप ?" उन्होंने अपनी आंखें ऊपर उठाई और मेरी आंखों में आंखें डालकर बोलीं , यह जरूरी तो नहीं कि हर रिश्ता खून से ही बनता हो। रिश्तों की परिभाषा अपनापन , स्नेह और प्यार में छुपी हुई है और अगर हम एक - दूसरे को समझ सकें तो यह रिश्ता हम भी आसानी से निभा सकते हैं।

उस दिन के बाद से हम मुंह बोले देवर - भाभी के रिश्ते में बंध गए। एक दिन सुबह - सुबह उन्होंने मेरे दरवाजे पर दस्तक दी , " गुड मॉर्निंग जनाब !विद्यार्थी जीवन में घोड़े बेच कर सोना अच्छी बात नहीं है। अच्छे विद्यार्थियों की तरह अपने करियर पर ध्यान दीजिए और पढ़ाई - लिखाई में जुट जाइए। " इससे पहले कि मैं कुछ कहता , एक अपरिचित पर मधुर-सी आवाज मेरे कानों से टकराई , " नमस्ते अंकल !

मेरा नाम प्रिया है और मैं कक्षा ग्यारह में पढ़ती हूं। मैं आपकी भाभी की इकलौती प्यारी बिटिया रानी हूं और अब यहीं पर रह कर आगे की पढ़ाई करूंगी।

अच्छा भाभी ! तो आपने इन्हें हमारे बारे में पहले से ही बता रखा है। चलिए अच्छा हुआ , अब हमें परिचय देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। .... तो ठीक है , हाथ मिलाइए और आज से हम दोस्त हुए। अच्छा अंकल ! अब आप बताइए कि कैडबरी चॉकलेट पसंद है न आपको ?" " हां ..... हां क्यों नहीं ?"

तो फिर शाम को आप कैडबरी चॉकलेट लेकर आइएगा। चल हट बदमाश कहीं की , अभी अंकल से कायदे से परिचय भी नहीं हुआ और तेरी फरमाइशें शुरू हो गईं

भाभी ने कहा , आप इसकी बातों में मत आइएगा , क्योंकि खाने - पीने को लेकर दोस्ती करने में यह काफी तेज़ है। अरे ! तुम दोनों के चक्कर में मेरी चाय भी ठंडी हो गई। अच्छा तुम जल्दी से फ्रेश होकर आ जाओ तो एक - एक कप गर्मागर्म चाय हो जाए। " वक्त के साथ प्रिया मुझसे काफी घुल मिल गई।

वह मेरे खाने से लेकर बाहर जाने तक का हिसाब - किताब रखती। जब कभी भी मैं देर से आता तो प्रिया दरवाजे पर खड़ी मेरा इन्तजार करती रहती और जब तक मैं खाना नहीं खा लेता , 

वह कुछ नहीं खाती। उसकी मम्मी भी खुश थीं कि प्रिया को बोर नहीं होना पड़ता। पर , प्रिया के दिल में क्या चल रहा था , उससे मैं और उसकी मम्मी बिल्कुल अनजान थे। वैसे कुछ सोचने का कोई कारण भी नहीं बनता था।

इससे भी पढ़े-



बिछरा हुआ लव स्टोरी

दोस्तों उम्मीद करता हूं कि आज कि यह Pyar Bhari Kahani आप लोगों को जरूर पसंद आई होगी कि दोस्तों हमें Comment करें बताएं कहानी कैसी लगी आप

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.